उत्तराखंड सरकार ने समाज के विभिन्न क्षेत्रों को लक्षित करते हुए समावेशी विकास के प्रति अपनी प्रतिबद्धता को दर्शाने वाले कई लाभकारी कार्यक्रम शुरू किए हैं। 2015 में एक महत्वपूर्ण कदम उठाते हुए, उत्तराखंड मुख्यमंत्री हुनर योजना (Mukhyamantri Hunar Yojana) को लॉन्च किया गया, जिसका उद्देश्य अल्पसंख्यक समूहों के व्यक्तियों को कौशल विकास के माध्यम से उन्नति प्रदान करना है। इस पहल का उद्देश्य सिलाई, कढ़ाई, बुनाई, प्लंबिंग और इलेक्ट्रॉनिक्स जैसे विभिन्न क्षेत्रों में अल्पसंख्यकों की प्रतिभाओं को पहचानना और निखारना है। प्रतिभागियों को प्रशिक्षण की अवधि के दौरान सैद्धांतिक और व्यावहारिक प्रशिक्षण के साथ-साथ एक वजीफा भी मिलता है, जो सीधे उनके खातों में जमा किया जाता है।
योजना के लाभ
उत्तराखंड मुख्यमंत्री कौशल विकास योजना का उद्देश्य बेरोजगार युवाओं को टेलरिंग, सजावटी सूई का काम, पाइपफिटिंग, और इलेक्ट्रॉनिक सेवाओं जैसे क्षेत्रों में प्रशिक्षण प्रदान करके समर्थन करना है। इस कार्यक्रम के प्रतिभागियों को न केवल व्यावसायिक प्रशिक्षण मिलेगा, बल्कि उनके प्रशिक्षण के दौरान वित्तीय सहायता भी प्रदान की जाएगी। इसके अलावा, यह योजना उनके प्रशिक्षण के बाद उपयुक्त नौकरी के अवसरों को सुरक्षित करने में भी मदद करेगी। प्रशिक्षुओं को प्रदान किए जाने वाले वजीफे की राशि उनके द्वारा पूरा किए गए प्रशिक्षण के कुल घंटों के आधार पर निर्धारित की जाएगी, जिससे उनकी प्रतिबद्धता और प्रयासों के लिए उन्हें पुरस्कृत किया जा सकेगा।
प्रशिक्षण की अवधि | वजीफा |
---|---|
100 घंटे | ₹2000 |
150 घंटे | ₹2500 |
250 घंटे | ₹3000 |
300 घंटे | ₹4500 |
पात्रता मानदंड
मुख्यमंत्री हुनर योजना के तहत लाभ प्राप्त करने के लिए निम्नलिखित मानदंडों को पूरा करना आवश्यक है:
- उम्मीदवार अल्पसंख्यक समुदाय से होना चाहिए।
- उम्मीदवार की आयु 18 से 45 वर्ष के बीच होनी चाहिए।
- उम्मीदवार ने कम से कम 5वीं कक्षा की शिक्षा पूरी कर ली हो। शैक्षिक योग्यता उत्तराखंड स्कूल शिक्षा बोर्ड या मदरसा से प्राप्त होनी चाहिए।
- सूचना प्रौद्योगिकी पाठ्यक्रमों में नामांकन के लिए उम्मीदवार ने कम से कम 10वीं कक्षा की शिक्षा पूरी की होनी चाहिए।
- ग्रामीण क्षेत्रों के उम्मीदवारों की वार्षिक घरेलू आय अधिकतम ₹3,50,000 होनी चाहिए।
- शहरी क्षेत्रों के उम्मीदवारों की वार्षिक पारिवारिक आय ₹4,50,000 से अधिक नहीं होनी चाहिए।
आवश्यक दस्तावेज़
मुख्यमंत्री हुनर योजना के लिए आवेदन करने के लिए निम्नलिखित दस्तावेज़ आवश्यक हैं:
- UIDAI आधार नंबर
- जन्म प्रमाण पत्र
- निवासी प्रमाणपत्र
- निवास का प्रमाण
- आय का सत्यापन
- शैक्षिक योग्यता
- सामाजिक श्रेणी का प्रमाण पत्र
- पासपोर्ट आकार की फोटो
- संपर्क नंबर
- बैंक से संबंधित दस्तावेज़
आवेदन प्रक्रिया
उत्तराखंड मुख्यमंत्री हुनर योजना के लिए आवेदन करने के इच्छुक पात्र व्यक्ति ध्यान दें कि आवेदन व्यक्तिगत रूप से जमा किए जाने हैं। आवेदन प्रक्रिया शुरू करने के लिए, सबसे पहले उत्तराखंड अल्पसंख्यक कल्याण विभाग के कार्यालय से आवेदन दस्तावेज़ प्राप्त करें। आवेदकों को फॉर्म में जानकारी सही-सही भरनी होगी और सभी प्रासंगिक दस्तावेज़ संलग्न करने होंगे जो कार्यक्रम की योग्यताओं को पूरा करते हैं। फॉर्म को पूरी तरह से भरने के बाद, इसे समीक्षा के लिए संबंधित विभाग को सौंपना होगा। सत्यापन प्रक्रिया में जमा की गई जानकारी और दस्तावेज़ों की विस्तृत जांच शामिल होगी। सफल सत्यापन के बाद, आवेदक को उनके दिए गए संपर्क नंबर पर एक टेक्स्ट संदेश के माध्यम से सूचित किया जाएगा।
निष्कर्ष
उत्तराखंड मुख्यमंत्री हुनर योजना अल्पसंख्यक समुदायों के व्यक्तियों को आवश्यक कौशल प्रदान करके उन्हें आत्मनिर्भर बनाने की दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम है। यह योजना न केवल उन्हें व्यावसायिक प्रशिक्षण और वित्तीय सहायता प्रदान करती है, बल्कि रोजगार के अवसरों को भी सुरक्षित करने में मदद करती है। इसके माध्यम से, उत्तराखंड सरकार ने समावेशी विकास और आर्थिक सशक्तिकरण के प्रति अपनी प्रतिबद्धता को पुनः स्थापित किया है।
महत्वपूर्ण लिंक
FAQs
Q. मुख्यमंत्री हुनर योजना क्या है?
A. मुख्यमंत्री हुनर योजना एक विशेष पहल है जिसका उद्देश्य अल्पसंख्यक समूहों के व्यक्तियों को कौशल विकास के माध्यम से उन्नति प्रदान करना है। यह योजना विभिन्न क्षेत्रों में प्रशिक्षण प्रदान करती है, जैसे सिलाई, कढ़ाई, बुनाई, प्लंबिंग और इलेक्ट्रॉनिक्स।
Q. इस योजना के तहत प्रतिभागियों को कौन सी वित्तीय सहायता प्राप्त होती है?
A. प्रतिभागियों को प्रशिक्षण के दौरान एक वजीफा दिया जाता है, जो उनके द्वारा पूरा किए गए प्रशिक्षण के कुल घंटों के आधार पर निर्धारित होता है। यह वजीफा सीधे उनके बैंक खातों में जमा किया जाता है।
Q. मुख्यमंत्री हुनर योजना के लिए पात्रता मानदंड क्या हैं?
A. इस योजना के लिए पात्र होने के लिए उम्मीदवार को अल्पसंख्यक समुदाय से होना चाहिए, उनकी आयु 18 से 45 वर्ष के बीच होनी चाहिए, और उन्हें कम से कम 5वीं कक्षा की शिक्षा पूरी करनी चाहिए। इसके अलावा, शहरी और ग्रामीण क्षेत्रों के लिए आय की सीमाएँ भी निर्धारित की गई हैं।
Q. आवेदन करने के लिए किन दस्तावेज़ों की आवश्यकता है?
A. आवेदन करने के लिए आवश्यक दस्तावेज़ों में UIDAI आधार नंबर, जन्म प्रमाण पत्र, निवासी प्रमाणपत्र, आय का सत्यापन, शैक्षिक योग्यता, सामाजिक श्रेणी का प्रमाण पत्र, पासपोर्ट आकार की फोटो, संपर्क नंबर और बैंक से संबंधित दस्तावेज़ शामिल हैं।
Q. आवेदन प्रक्रिया कैसे होती है?
A. आवेदन प्रक्रिया के लिए इच्छुक व्यक्तियों को व्यक्तिगत रूप से उत्तराखंड अल्पसंख्यक कल्याण विभाग के कार्यालय से आवेदन पत्र प्राप्त करना होगा। फॉर्म को सही-सही भरकर सभी आवश्यक दस्तावेज़ों के साथ संबंधित विभाग को जमा करना होगा। सत्यापन प्रक्रिया पूरी होने के बाद, आवेदक को उनके संपर्क नंबर पर सूचित किया जाएगा।